मुश्किलों की टूटी काँच का गुलदान बनाने की कला तुम्हारे पास है दूर दराज के इलाकों में नहीं तनिक भीतर नजर उठाकर देखना बेशकीमती खजाना तुम्हारे पास है । 👉 जी भरकर जीए nature feel of soul
क्षण भर रुका व्यतीत अवश्य ! पर नहीं बंधना होता है पतंग को उसकी डोर कभी न कभी पीछे हाथ में रह जाती है जो रेत मुट्ठी से धीरे - धीरे सरक जाती है सच है , भागना भी उसके पीछे मैदान गली - गली सँकरी गली