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जून, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक बीते जीवन की डोर अपने अंतर में लिए

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स्मृतियों   के   देश   में  एक  बीते  जीवन  की  डोर  कथा  कहती  जुबानियाँ  मुस्कुराती   नादानियाँ कुछ  शरारतें   कुछ   मासूमियत जिन्हें  देख  खुशी  से  पुलक  उठते  थे बड़़े , भूला  अपनी  सारी  परेशानियाँ बहुत   से   सबक   खेल  -  खेल  में  ही संस्कार  बन  जीवन  के  अंतरंग  भाग  हो  गए

सावन गीत

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मन  हो  रहा  उद्दीप्त  नृत्य  करता  मन  मयूरा थिरका  रहा  इन  टपटप   बूँदों   से  ताल  ले बही  चली  नदियाँ   में   कागज  की  नाव  रे तरुवर   ओढ़े   चुनर   हरियाली   की   उपजें कोपलें  भाव  मन  की  माटी   से  प्रीत  जुड़ी

फिर एक नई सुबह हो

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फिर नई सुबह हुई एक नए दिन की शुुुुरुआत साथ एक नई कहानी का जन्म हुआ  नए किरदार नए चेहरे  नए कथानक नए मंच पर नए संवाद नए देशकाल - वातावरण की नई   परिस्थितियाँ नए संदर्भ नए प्रसंग है सबकुछ नया आरंभ प्रयत्न प्रात्याशा नियताप्ति और फलागम

पीड़ा के मौन संदर्भ

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पीड़ा   के   मौन   संदर्भ  तीव्र   हवा   में   पत्तों   की  कड़कड़ाहट   की     घुलती  आवाज   है   जो  अतीत  की गहन   चीत्कार   करती   है  भविष्य   के   झूठे   स्वप्न   अंह को   चूर -  चूर    करती     हुई  , नित   रहती  है  अपने   वर्तमान   से   जुड़ी  हर  आते -  जाते  पल   का   साक्षी   बनकर ।

हर मन में शुभता का संचार करे

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हार से अविकल अविचल संकल्पित     जीवन सुरभि सुभावों से सुवासित  त्याग जीवन मूल्य अटूट नेहबंध से जुड़ती मन प्रीत साची अनवरत पथ पर सुमंगल सुमुधर गीत गान गाती पल्लव से विकसित प्रात दीपज्योति