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तितली

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विगत   दिनों  के  प्रकाश  में रजनी   के   रजत   हास   में ओस  कणों   के   मृदुल  वास  में फूलों   के   मधुर   पराग  में झिलमिलाता   स्वप्न  चलते  जाने  का पथ  पर   बिखरी   छटा    सलोनी बंद   राहें    कोष्ठक   से   दरवाजे   खोल   दो